Folk Dances of Haryana | हरियाणवी लोक नृत्य | हरियाणा के प्रसिद्ध लोक नृत्य

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Folk Dances of Haryana : हरियाणा एक संस्कृति प्रधान राज्य है। यहाँ की पारम्परिक वेशभूषा, आभूषण के साथ-साथ हरियाणवी लोक नृत्य का अपना ही महत्व है। इस पोस्ट में हम Folk Dances of Haryana के बारे में सम्पूर्ण जानकारी ले कर आए है जो की आगामी परीक्षाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होंगे। 

Folk dances of Haryana | हरियाणवी लोक नृत्य | हरियाणा के प्रसिद्ध लोक नृत्य
Folk Dances of Haryana

Folk Dances of Haryana

हरियाणा राज्य में अलग-अलग त्योहारों के अवसर पर कई प्रकार के नृत्य किए जाते हैं। आज हम इन्हीं महत्वपूर्ण हरियाणवी लोकनृत्य के बारे में जानेंगे।

फाग नृत्य

यह नृत्य फाल्गुन मास में किया जाता है। इस नृत्य का आयोजन होली से क़रीबन दो सप्ताह पहले किया जाता है। यह नृत्य पुरुषों व स्त्रियों दोनो के द्वारा पारम्परिक वेशभूषा पहन कर किया जाता है। पुरुषों द्वारा रंगीन पगड़ी पहनी जाती है। 

सांग नृत्य

यह एक वीर रस प्रधान सांस्कृतिक लोक नृत्य है, जो सांग कलाकारों द्वारा किया जाता है। यह नृत्य प्रायः खुले स्थानों पर दस-बारह पुरुषों द्वारा स्त्रियों की वेशभूषा धारण करके किया जाता है। 

यह नृत्य धार्मिक कहानियों व लोक कथाओं से जुड़ी हरियाणा की संस्कृति को दर्शाता है। किशनलाल भट्ट हरियाणा के एक प्रसिद्ध सांगी माने जाते है। 

छठी नृत्य

इस नृत्य का आयोजन नवजात शिशु के जन्म के छठे दिन पर महिलाओं द्वारा रात के समय किया जाता है। यह नृत्य प्रायः लड़के के जन्म पर किया जाता था, परंतु अब लड़की के जन्म पर भी किया जाता है। 

इस उत्सव के अंत में, महिलाओं द्वारा उबला हुआ गेहूं और चना सभी को वितरित किया जाता है, जो प्रदर्शन के लिए उपस्थित होते हैं।

खोड़िया नृत्य

खोड़िया नृत्य विशेष रूप से दूल्हे पक्ष की महिलाओं द्वारा विवाह के अवसर पर नव-वधू के आगमन से पहले रात भर किया जाता है। 

यह नृत्य स्त्रियों द्वारा बारात प्रस्थान के बाद किया जाता है और पुरुषों को यह नृत्य देखने की अनुमति नहीं होती। 

धमाल नृत्य

धमाल नृत्य विशेषकर महेंद्रगढ़, गुरुग्राम, झज्जर क्षेत्र में अत्यधिक प्रसिद्ध है। इस नृत्य की उत्पत्ति महाभारत के समय के दौरान हुई थी। 

यह नृत्य चाँदनी रात में खुले आसमान के नीचे खुले मैदान में किया जाता है। इस नृत्य में पुरुष धमाल की आवाज के साथ गाते और नाचते हैं। 

डफ नृत्य

यह श्रींगार और वीर रास प्रधान नृत्य है। यह नृत्य वसंत ऋतु के आगमन गणतंत्र दिवस में पेश किया गया था। इस नृत्य को ढ़ोल नृत्य के नाम से भी जाना जाता है। 

झूमर नृत्य

झुमर नृत्य का आयोजन स्त्रियों द्वारा त्योहारों, विवाहों व अन्य खुशी के अवसरों पर किया जाता है। यह नृत्य राज्य के कुछ हिस्सों में हरियाणवी गिद्दा के नाम से भी प्रसिद्ध है। 

झूमर नृत्य महिलाओं द्वारा किया जाने वाला नृत्य है और इसमें विवाहित स्त्रियाँ झूमर नामक आभूषण अपने मस्तक पर धारण करके नृत्य करती है।

गूगा नृत्य 

यह नृत्य भादों मास में गूगा पीर के भक्तजनों द्वारा किया जाने वाला नृत्य है। 

यह नृत्य विशेषकर पुरुषों द्वारा किया जाता है और इस नृत्य का नाम संत गूगा के भक्तों द्वारा गूगा रखा गया था।

लूर नृत्य

लूर नृत्य होली के मौसम में हरियाणा राज्य के बाँगर क्षेत्र में किया जाता है। इस नृत्य में जो गाने गाए जाते है वो सवाल जवाब के रूप में होते है। 

यह नृत्य महिलाओं द्वारा पारम्परिक वेशभूषा (घागरा, कुर्ता, चुंदरी, चूड़ियाँ आदि पहन कर किया जाता है और ऐसा माना जाता है कि यह नृत्य पुरुषों को देखना मना होता है। 

रास नृत्य

यह नृत्य भगवान श्री कृष्ण की रासलीलाओं से जुड़ा हुआ माना जाता है। यह नृत्य होडल, पलवल तथा बल्लभगढ़ आदि इलाकों में प्रसिद्ध नृत्य है। 

यह नृत्य भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिवस “जन्माष्टमी” पर महिलाओं तथा पुरुषों द्वारा किया जाता है। महिलायें श्री कृष्ण भगवान की गोपियाँ बनकर वृताकार गोला बना कर नृत्य करती है। इस नृत्य के दो प्रकार माने गए हैं –

  1. लास्या – यह स्त्री प्रधान नृत्य है। 
  2. तांडव – यह पुरुष प्रधान नृत्य है 

मंजीरा नृत्य 

यह नृत्य डफ व मंजीरों के साथ किया जाता है तथा यह मुख्य रूप से मेवात क्षेत्र में किया जाता है।

घोड़ा नृत्य 

यह नृत्य मुख्यतः विवाह के अवसर पर किया जाता है। इस नृत्य में पुरुषों द्वारा रंगीन कागज से बना घोड़े का मुखोटा पहना जाता है। 

छड़ी नृत्य 

यह नृत्य भादों मास की नवमी को गूगा-पीर की पूजा करने के बाद रात के समय पुरुषों के द्वारा किया जाता है। 

तीज नृत्य 

तीज नृत्य का आयोजन सावन मास में तीज के त्यौहार के अवसर स्त्रियों द्वारा किया जाता है। 

डमरू नृत्य 

यह नृत्य पुरुषों द्वारा महाशिवरात्रि के अवसर पर डमरू के साथ किया जाता है। यह हरियाणा का एक प्रसिद्ध नृत्य माना जाता है। 

रसिया नृत्य 

यह नृत्य भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से सम्बंधित नृत्य है। 

बीन-बाँसुरी नृत्य 

यह नृत्य डफ व मंजीरों के साथ किया जाता है तथा यह मुख्य रूप से मेवात क्षेत्र में किया जाता है।

रतवाई नृत्य 

यह नृत्य मेवात क्षेत्र का एक प्रसिद्ध नृत्य है। इस नृत्य का आयोजन डफ, मजीरों के साथ वर्षा ऋतु के आगमन स्त्रियों व पुरुषों द्वारा सामूहिक रूप से किया जाता है। 

खेड़ा नृत्य  

यह नृत्य परिवार में किसी बुजुर्ग व्यक्ति के निधन होने पर किया जाता है। यह नृत्य खुशी की वजाए गम के अवसर पर किया जाता है। 

Folk Dances of Haryana से समबंधित परीक्षा में पूछे जाने वाले सवाल 

Q1. खेड़ा नृत्य कब किया जाता है?

Ans. बुजुर्ग व्यक्ति की मृत्यु पर 

Q2. तीज नृत्य का आयोजन किस मास में किया जाता है?

Ans. सावन मास में 

Q3. घोड़ा नृत्य __ के अवसर पर किया जाता है?

Ans. विवाह के अवसर 

Q4. रास नृत्य किस भगवान से सम्बंधित माना जाता है?

Ans. श्री कृष्ण भगवान 

Q5. लूर नृत्य हरियाणा के किस क्षेत्र में किया जाता है?

Ans. बाँगर 

Q6. छठी नृत्य का आयोजन कब किया जाता है?

Ans. नवजात शिशु के जन्म पर 

Q7. धमाल नृत्य की उत्पत्ति____ समय से मानी जाती है?

Ans. महाभारत 

Q8. हरियाणा के प्रशिद्ध सांगी कौन माने जाते है?

Ans. किशनलाल भट्ट 

Q9. खोड़िया नृत्य किनके द्वारा किया जाता है?

Ans. महिलाओं द्वारा 

Q10. कौनसा नृत्य हरियाणवी गिद्दा के नाम से प्रसिद्ध है?

Ans. झूमर नृत्य 

यह भी देखें – Traditional ornaments of Haryana

Conclusion : आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हमने हरियाणा राज्य के प्रसिद्ध लोकनृत्य अथवा Folk Dances of Haryana को कवर किया है।आशा है कि आपको यह पोस्ट पसंद आयी होगी।

Folk Dances of Haryana FAQ

Q1. Which is the famous folk dance of Haryana (हरियाणा का प्रसिद्ध लोकनृत्य कौनसा है)?

Ans. फाग नृत्य

Q2. हरियाणा का सबसे पुराना नृत्य किस नृत्य को माना जाता है?

Ans. धमाल नृत्य

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