Canals In Haryana : इस पोस्ट में हम “हरियाणा राज्य की प्रमुख नहरें व सिंचाई परियोजनाएं” के बारे ने विस्तार से जानेंगे जो की HSSC द्वारा करवायी जाने वाली सभी आगामी परीक्षाओं जैसे हरियाणा पटवारी, केनल पटवारी, हरियाणा पुलिस, हरियाणा क्लर्क, हरियाणा ग्रूप डी परीक्षा इत्यादि के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होंगे।
Canals In Haryana
जैसा कि सभी को मालूम है हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है। कृषि में सिंचाई का बहुत की महत्वपूर्ण योगदान रहता है। खेतों में सिंचाई की व्यवस्था को उपलब्ध करवाने के लिए नदियों पर बाँध बना कर नहरें निकाली जाती हैं, ताकि जहाँ पर भी कृषि सम्भव है उन सभी स्थानों तक पर्याप्त पानी पहुँचाया जा सके।
हरियाणा राज्य में मुख्य रूप से सिंचाई नहरों और नलकूपों द्वारा की जाती है। हरियाणा में कई नहरें विद्यमान है, जिनसे राज्य के विभिन्न जिलों में सिंचाई की जाती है। नहरें हरियाणा में सिंचाई का एक प्रमुख साधन भी है।

हरियाणा राज्य की प्रमुख नहरें
जैसा कि सभी को मालूम है हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है। कृषि में सिंचाई का बहुत की महत्वपूर्ण योगदान रहता है। खेतों में सिंचाई की व्यवस्था को उपलब्ध करवाने के लिए नदियों पर बाँध बना कर नहरें निकाली जाती हैं, ताकि जहाँ पर भी कृषि सम्भव है उन सभी स्थानों तक पर्याप्त पानी पहुँचाया जा सके।
आज के इस पोस्ट में हम इन्हीं सिंचाई परियोजनाओं के बारे में भी जानेंगे। सबसे पहले बात करते हैं हरियाणा की प्रमुख नहरों के बारे में। हरियाणा राज्य की मुख्य नहरें निम्न हैं –
- पश्चिमी यमुना नहर
- भिवानी नहर
- जवाहर लाल नहर
- भाखड़ा नहर
- गुड़गाँव नहर
पश्चिमी यमुना नहर : पश्चिमी यमुना नहर, यमुना नदी के पश्चिम किनारे से यमुनानगर जिले में ताजेवाला नामक स्थान से निकाली गई है। पश्चिम किनारे से निकाले जाने की वजह से इस नहर का नाम “पश्चिमी यमुना नहर” रखा गया था।
हरियाणा की यह नहर राज्य की सबसे प्राचीन और प्रमुख नहर है जिसे 1879 में बनाया गया था। इस नहर के द्वारा अंबाला, करनाल, रोहतक, पानीपत, सोनीपत, हिसार, सिरसा आदि जिलों के साथ-साथ दिल्ली और राजस्थान के कुछ भागों में भी सिंचाई की जाती है। इस नहर की अपनी शाखाओं समेत कुल लम्बाई 3226 किलोमीटर है।
पश्चिमी यमुना नहर की तीन प्रमुख शाखाएँ हैं – हांसी शाखा, सिरसा शाखा, दिल्ली शाखा
भाखड़ा नहर : भाखड़ा नहर को सतलुज नदी पर बांध बना कर निकाला गया है, यह बांध हिमाचल प्रदेश में नांगल में बनाया गया है। पंजाब के पटियाला और रूपनगर जिलों में सिंचाई के बाद यह नहर टोहाना (फतेहाबाद) से हरियाणा में प्रवेश करती है।
इस नहर से हिसार, सिरसा आदि जिलों को मिलाकर कुल 6 हेक्टेयर में सिंचाई की जाती है। भाखड़ा नहर की मुख्य शाखाएं – फ़तेहाबाद शाखा, रतिया शाखा, रोड़ी शाखा, बरवाला शाखा। भाखड़ा नांगल बांध और भाखड़ा नहर के असली निर्माणकर्ता का श्रेय सर छोटूराम को जाता है।
भिवानी नहर : भिवानी नहर, भाखड़ा नहर से निकली गई एक छोटी नहर है, जिस से हरियाणा राज्य के भिवानी जिले में सिंचाई की जाती है।
जवाहर लाल नहर : जवाहर लाल नहर को भाखड़ा नहर से निकाला गया है, जिस से महेंद्रगढ़ जिले की सिंचाई की जाती है।
गुड़गाँव नहर : गुड़गाँव नहर को दिल्ली के ओखला बैराज नामक जगह से 2.4 किलो मीटर की दूरी पर यमुना नदी पर बांध बना कर निकाला गया है। इस नहर के द्वारा फरीदाबाद, गुड़गाँव, पलवल इत्यादि जिलों में सिंचाई की जाती है।
हरियाणा राज्य की सिंचाई परियोजनाएं
हरियाणा की प्रमुख सिंचाई परियोजनाएं निम्न हैं –
- लोहारू उत्थान सिंचाई योजना
- भिवानी उत्थान सिंचाई योजना
- सतलुज-यमुना लिंक नहर परियोजना
- जुई सिंचाई परियोजना
- जवाहर लाल नेहरु उत्थान सिंचाई परियोजना
- नांगल उत्थान सिंचाई परियोजना
- हथिनी कुंड बैराज परियोजना
- नरवाना सिंचाई परियोजना
लोहारू उत्थान सिंचाई परियोजना : लोहारू सिंचाई योजना को इंदिरा गांधी नहर भी कहते हैं। इस नहर द्वारा भिवानी, चरखी दादरी जिले में सिंचाई की जाती है। इस नहर की लम्बाई करीबन 225 किलोमीटर है।
भिवानी उत्थान सिंचाई परियोजना : इस योजना को विरेंद्र नारायण चक्रवर्ती नहर भी कहते हैं, जिसकी कुल लम्बाई 220 किलो मीटर है। इस योजना के द्वारा भिवानी जिले में सिंचाई की जाती है।
सतलुज-यमुना लिंक नहर परिजोजना : यह हरियाणा पंजाब की संयुक्त नहर परियोजना है, जिसकी कुल लम्बाई 212 किलो मीटर है, जिसमें से पंजाब राज्य में इसकी लम्बाई 121 किलो मीटर और हरियाणा राज्य में 91 किलो मीटर है।
जुई सिंचाई परिजोजना : यह भी एक उत्थान सिंचाई परियोजना है। इस परियोजना को भिवानी जिले के ऊँचे क्षेत्र को सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए बनाया गया है।
जवाहर लाल नेहरु उत्थान सिंचाई परियोजना : हरियाणा राज्य के महेंद्रगढ़ जिले में सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए जवाहर लाल नेहरु उत्थान सिंचाई योजना की शुरुआत की गई थी। साल 1976 से इस नहर में पानी छोड़ा गया था।
नांगल उत्थान सिंचाई परियोजना : नांगल उत्थान सिंचाई परियोजना द्वारा हरियाणा के अंबाला जिले में सिंचाई की जाती है।
हथिनी कुंड बैराज सिंचाई परियोजना : हथिनी कुंड बैराज सिंचाई परियोजना का निर्माण यमुनानगर जिले में ताजेवाला हैडवर्क्स के स्थान पर किया गया है।
नरवाना सिंचाई परिजोजना : इस सिंचाई परियोजना का निर्माण जींद जिले में सिंचाई करने हेतु किया गया है। यह सिंचाई परियोजना 37500 फ़ीट लम्बी है।
हरियाणा की नहरों व सिंचाई परियोजना से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- हरियाणा सिंचाई विभाग का मुख्यायलय पंचकूला जिले में स्थित है।
- हरियाणा राज्य के उत्तर-पूर्वी भागों में अधिकांश सिंचाई वर्षा से हो जाती है।
- हरियाणा में पवन चक्की के विकास हेतु हालैंड व जर्मनी देश से सहयोग मिल रहा है।
- भाखड़ा बांध के वास्तविक वास्तुकार के रूप में चौधरी छोटूराम को जाना जाता है।
यह भी पढ़े –
Canals In Haryana महत्वपूर्ण सवाल
Q1. भिवानी नहर को किस नहर से निकाला गया है?
Ans. भाखड़ा नहर
Q2. हरियाणा की सबसे प्राचीन नहर कौन सी है?
Ans. पश्चिमी यमुना नहर
Q3. हरियाणा में किस बांध को ग्रेविटी बांध के नाम से जाना जाता है?
Ans. अनंगपुर बांध
Q4. लोहारू उत्थान सिंचाई परियोजना को और किस नाम से जाना जाता है?
Ans. इंदिरा गांधी नहर
Q5. भिवानी उत्थान योजना को किस अन्य नाम से जाना जाता है?
Ans. विरेंद्र नारायण चक्रवर्ती नहर
Q6. हरियाणा की लम्बाई में सबसे छोटी नहर कौन सी है?
Ans. भिवानी नहर
Q7. हरियाणा की कौनसी नहर ओखला नामक स्थान से यमुना नदी से निकाली गई है?
Ans. गुरुग्राम नहर
Q8. ककरोई सूक्ष्म जल विद्युत परियोजना किस नहर पर बनी है?
Ans. पश्चिमी यमुना नहर
Q9. सतलुज यमुना लिंक नहर का विवाद हरियाणा और किस राज्य के साथ है?
Ans. पंजाब
Q10. भाखड़ा नहर से हरियाणा के किन जिलों की सिंचाई की जाती है?
Ans. सिरसा और हिसार
Q11. ताजेवाला नामक स्थान से हरियाणा की कौनसी नहर निकाली गई है?
Ans. पश्चिमी यमुना नहर
Q12. हरियाणा सिंचाई विभाग का मुख्यालय कहाँ है?
Ans. पंचकूला